Breaking News: अहमदाबाद में एयर इंडिया बोइंग 787 क्रैश: अब तक की जांच में क्या आया सामने

Breaking News अहमदाबाद: दोपहर 1:38 पर टाटा समूह की स्वामित्व वाली एयर इंडिया की लंदन–गैटविक जा रही फ्लाइट AI‑171 (बोइंग 787‑8/9) टेकऑफ के 33 सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भीषण हादसे में यात्रियों और क्रू समेत विमान में सवार 242 में से 241 की मौके पर ही मौत की पुष्टि हुई, जबकि केवल एक यात्री, विष्वास कुमार रमेश (11A सीट), गंभीर हालत में बचा मिला और अस्पताल में भर्ती है ।
मौतों की संख्या और प्रभावित जानकारी
विवरण आंकड़ा
यात्रियों व क्रू 242
मृत्यु 241 विमान में + कम से कम 28 ज़मीनी मृतक
प्रभावित देशों के नागरिक 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 1 कनाडाई, 7 पुर्तगाली
बताया जा रहा है कि विजय रूपाणी, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री, भी इस विमान में सवार थे और उनकी पुष्टि मृतकों में शामिल बताई गई है
दुर्घटना का सिलसिला & बचाव कार्य
विमान टेकऑफ के सिर्फ 33 सेकंड बाद है और 625 फीट की ऊँचाई पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ
स्थानीय BJ मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से टकराने के कारण भवन में भी क्षति और कई छात्रों एवं स्टाफ की जान गई
एविडेंस, शुरुआती अधिग्रहण और जांच
प्रारंभिक संकेतों में इंजन फेलियर और गियर/फ्लैप कॉन्फ़िगरेशन में समस्या पर जांच तेज हुई है ।
DGCA ने एयर इंडिया के 787‑8/9 बेड़े की अतिरिक्त जांच और हर उड़ान के पहले “एन्हांस्ड सेफ्टी इंस्पेक्शन” लगाने के आदेश दिए हैं जो 15 जून से लागू होंगे
नेतागण और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, गुजरात के CM सहित अन्य केंद्रीय/राज्य नेता घटनास्थल पर पहुंचे और दुख जताया ।
अंतरराष्ट्रीय स्तर से ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर, कनाडा के प्रधानमंत्री, सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग ने गहरी संवेदना व्यक्त की ।
टाटा समूह ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को ₹1 करोड़ की आर्थिक सहायता की घोषणा की है
अब तक की जांच : क्या सामने आया है?
- तुरंत एवं बहु-एजेंसी टीमों द्वारा ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डेटा की सुरक्षित बरामदगी।
- शुरुआती विश्लेषण में इंजन और तकनीकी खराबी संभावित कारण हो सकते हैं।
- DGCA द्वारा बेड़े की सुरक्षा समीक्षा और आगामी उड़ानों के लिए अतिरिक्त प्रोटोकॉल।
- सरकार और एयर इंडिया द्वारा प्रभावित परिवारों के लिए सलाह व सहायता केंद्र स्थापित।
आगे क्या देखने को मिलेगा?
- ब्लैक बॉक्स डेटा की डिकोडिंग से असली दुर्घटना का कारण स्पष्ट होगा।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग से जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
- सरकारी स्तर पर विमानन सुरक्षा मानदंडों में सुधार और तकनीकी निर्णय जल्द सामने आएंगे।
यह दुर्घटना भारतीय एविएशन इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी बनी हुई है। जांच के निष्कर्ष और सुधारात्मक कदम पर देश-विदेश की निगाहें टिकी हुई हैं। जैसे ही ब्लैक बॉक्स और पायलट व तकनीकी पक्षों की विस्तृत रिपोर्ट आएगी, अगली कड़ियाँ खुलेंगी।