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Haryana News: फसल अवशेष से बनेगा उद्योग का भविष्य, 15 जुलाई तक खुला है सुनहरा आवेदन मौका

Haryana News: उपायुक्त धर्मेन्द्र सिंह ने जानकारी दी है कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने वर्ष 2025-26 के लिए धान सप्लाई चेन से जुड़े उद्योगों के लिए फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक उद्योग 15 जुलाई तक विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह योजना खासतौर पर उन उद्योगों के लिए है जो पराली प्रबंधन और धान की अवशेष आपूर्ति श्रृंखला में काम करना चाहते हैं।

उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के तहत धान सप्लाई चेन स्थापित करने और पराली प्रबंधन के लिए उद्योगों को 65 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड अनुदान दिया जाएगा। इस योजना में मशीनों की खरीद पर आधारित परियोजना लागत एक करोड़ रुपये (3000 मीट्रिक टन क्षमता प्रति सीजन) और 1.5 करोड़ रुपये (4500 मीट्रिक टन क्षमता प्रति सीजन) निर्धारित की गई है। इससे उद्योगों को आर्थिक सहयोग मिलेगा और पराली जलाने की समस्या को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।

हरियाणा में स्थापित उद्योगों को ही मिलेगा मौका

उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल वे उद्योग ही इस योजना के लिए पात्र होंगे जो हरियाणा राज्य में स्थापित हैं। सभी प्राप्त आवेदनों की जांच जिला स्तरीय कार्यकारी समिति द्वारा की जाएगी, जिसमें लीड बैंक के प्रतिनिधि भी सदस्य होंगे। इसके बाद इन आवेदनों को राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। यह प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से की जाएगी ताकि योग्य और सक्षम उद्योगों को चयनित किया जा सके।

अनुभव प्राप्त उद्योगों को प्राथमिकता दी जाएगी

उद्योगों का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि वे 100 प्रतिशत धान पर आधारित हों और पिछले दो वर्षों में धान की फसल के अवशेष खरीदने का अनुभव रखते हों। ऐसे उद्योगों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, उपायुक्त ने यह भी बताया कि जो आवेदक पहले वर्ष 2024-25 में धान सप्लाई चेन के लिए आवेदन कर चुके हैं, उन्हें दोबारा आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। इससे पहले से जुड़े उद्योगों को भी इस योजना का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा।

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