Haryana News: देवेंद्र की हत्या बनी पहेली, 10 माह बाद भी हत्यारों का सुराग नहीं
आइजी आफिस के पास एक बंद बिल्डिंग के बेसमेंट से बरामद हुआ था शव

Haryana News: Dharuhera News: गरीब परिवार में पला बढ़ा देवेंद्र अब इस दुनिया में नहीं है। मगर उसकी मौत का राज एक तरह से दफन हो चुका है। उसे मौत की नींद सुलाने वाले हत्यारों का नौ माह बीत जाने के बाद भी पता नहीं चल पाया है। देवेंद्र की हत्या किसने और क्यों की यह आज भी पहेली ही बनी हुई है। पुलिस ने देवेंद्र के केस से जुड़े संभावित 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले।
उसके पूरे दोस्त नेटवर्क से पूछताछ की लेकिन हत्यारों का पता नहीं लग पाया। किसी भी केस को सुलझाने में पुलिस के लिए सबसे अहम मोबाइल होता है। मगर इस केस में पुलिस के सामने उलझन यह भी है कि देवेंद्र मोबाइल फोन ही नहीं रखता था, जिससे यह पता लगाया जा सके कि आखिरी बार देवेंद्र से किस व्यक्ति ने संपर्क किया होगा।Haryana News
दरअसल, कस्बे के वार्ड नंबर-पांच में स्थित भीम बस्ती के रहने वाले 38 वर्षीय देवेंद्र कुमार का मर्डर केस कस्बे का सबसे चर्चित मामला है। उसका शव पिछले साल 18 अगस्त को हाईवे से सटे गांव खरखड़ा में आइजी आफिस के पास एक बिल्डिंग के बेसटमेंट में बरामद हुआ था। यह बिल्डिंग सालों से बंद पड़ा है। देवेंद्र के हाथ, पैर, गर्दन और सिर पर चोट के निशान भी मिले थे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी गला दबाकर हत्या करने की बात सामने आइ। पुलिस ने देवेंद्र के मर्डर केस को सुलझाने के लिए हर तकनीक का प्रयोग किया। जिस जगह देवेंद्र का शव मिला उसके दूर-दूर तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे। ऐसे में पुलिस ने आसपास लगे मोबाइल टावर का डंप उठाया। स्वजन से पूछताछ करने के बाद उसके चार-पांच दोस्तों का नेटवर्क पता चला।
पुलिस ने इन सभी को थाने में बुलाकर लंबी पूछताछ की। लेकिन कुछ पता नहीं चला। इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम के अलावा लोकल पुलिस की टीमें लगातार जांच में लगी रही। लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ एक तरह से खाली है।
घर से पिता के पास जाने की बात कहकर निकला था
देवेंद्र दो बच्चों का पिता था। उसके पिता फतेह सिंह आज भी कस्बा में छोले-भठूरे की रेहड़ी लगाते हैं। देवेंद्र भी पिता के ही काम में हाथ बांटता था। 16 अगस्त को वह घर से पिता के पास जाने की बात कहकर निकला था। लेकिन उसके बाद वह लापता हो गया। घर आया तो सिर्फ उसका शव। पिता फतेह सिंह और मां धनपति की बूढी आंखे आज भी अपने बेटे देवेंद्र को याद कर भर आती हैं। बुजुर्ग माता-पिता भी उस चेहरे और राज को जानना चाहती है, जिन्होंने उनके बुढ़ापे के सहारे को छीन लिया।Haryana News
हर स्तर पर जांच के बाद भी हत्यारों का पता नहीं चला
जिस बिल्डिंग में शव मिला था, उसके आसपास सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। मोबाइल वह रखता नहीं था। उसके साथ बैठने वालों युवकों से पूछताछ की लेकिन उसने भी कुछ खास जानकारी हाथ नहीं लगी। फिर भी हमारी टीमें आरोपितों का पता लगाने में लगी हुई है।
-जगदीश, थाना प्रभारी, धारूहेड़ा।